ठंडाई

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ठंडाई उत्तर भारत का एक बहुत ही मशहूर पेय है. इसे कई प्रकार के मसालों, गुलाब की पत्तियों, और बादाम को पीसकर दूध में डालकर होली के अवसर पर बनाते हैं. बातों ही बातों में मेरी गुजराती दोस्त ने बताया कि पश्चिम भारत में ठंडाई को ख़ासतौर पर शिव जी के भोग के लिए महा शिवरात्रि के अवसर पर भी बनाते हैं. इस बात से मुझे याद आया कि जब हम छोटे थे तो अगस्त महीने में पड़ने वाले त्यौहार हरितालिका तीज पर हमारे घर के पास वाले मंदिर में लाऊडस्पीकर पर गाना बजा करता था "शिव शंकर ने घोटी भांग कि बुँदिया पड़ने लगीं...." ठंडाई में अक्सर होली के अवसर पर भांग घोटने का भी चलन है. खैर, चलिए महा शिवरात्रि के इस शुभ अवसर पर बनाते हैं नीलकंठ का प्यारा भोग- ठंडाई ..!

ठंडाई

 सामग्री
(4 लोगों के लिए)
  • दूध 1 लीटर/ 4 कप
  • शक्कर 4-5 बड़े चम्मच
  • बादाम 1/3 कप/ 50 ग्राम
  • हरी इलायची 6
  • पोस्ता दाना 1½ बड़े चम्मच
  • सौंफ 1½ बड़े चम्मच
  • सफेद मिर्च ¼ छोटा चम्मच / 15-20 पेपर्ज़
  • सूखी गुलाब की पंखुड़ियाँ 1½ बड़े चम्मच

बनाने की विधि :

  1. हरी इलायची की बाहरी त्वचा निकालें और दानों को अलग रखें. इलायची के छिलकों को फेंके नही बल्कि इसे चाय की पत्ती में डाल दीजिए. चाय बहुत खुशबूदार बनती है.
  2. पोस्ता दाना को लगभग एक मिनट के लिए सूखा भून लें. ऐसा करने से दाना पीसने में आसानी रहती है.
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ठंडाई की सामग्री
  1. अब एक ग्राइंडर में बादाम, सौंफ, पोस्ता दाना, सफेद मिर्च के दाने, सूखी गुलाब की पंखुड़ियाँ, और इलायची के दानों को बारीक पीस लें.
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ठंडाई का पाउडर
  1. एक कप गुनगुने दूध में इस ठंडाई के पाउडर, और शक्कर को आधे घंटे के लिए भिगो कर रखें. बाकी दूध को फ्रिज में रखे ठंडा होने के लिए.
  2. अब दूध में फुलाए ठंडाई के मिश्रण को पहले से ठंडा कर 3 कप दूध में अच्छे से मिलाएँ.
  3. अब इसे छलनी से छान लें जिससे कि अगर कोई सौंफ का रेशा ठीक से नही पिसा है, तो वो निकल जाए.
  4. स्वादिष्ट ठंडाई अब तैयार है भोग के लिए.

ठंडाई को परोसते समय आप इसमें बरफ के टुकड़े भी डाल सकते हैं.

कुछ नुस्खे / टिप्स 

आप ठंडाई के मिश्रण में केसर और खरबूजे के बीज यानि की मींग भी मिला सकते हैं.

आप ठंडाई के पाउडर को पहले से भी बना कर रख सकते हैं और जब आपको ठंडाई बनानी हो तो इसे दूध में मिला सकते हैं.

गर्मियों के मौसम में मेरी सासू माँ ठंडाई के इन सभी मसालों को पानी में कुछ घंटों के लिए भिगो देती हैं, और फिर सिल-बट्‍टे पर पीस लेती हैं. यह ठंडाई को बनाने का पारंपरिक तरीका है.

अगर आप भारत के बाहर रहते हैं तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि ठंडाई की सामग्री इंडियन स्टोर के साथ साथ ऑर्गॅनिक स्टोर में भी आसानी से मिल जाती है.

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