साबूदाने का पुलाव
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साबूदाने को ज़्यादातर परिवारों में व्रत के दिनों में खाया जाता है. साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है - इसे खाने से उर्जा मिलती है. वैसे शायद यही वजह है कि बिना व्रत के भी लोग साबूदाने का प्रयोग करते है....साबूदाने से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे कि, साबूदाने के पापड़, साबूदाने की कचड़ी, साबूदाना वड़ा, साबूदाने की खीर इत्यादि. आज हम आपको साबूदाने का फलाहारी पुलाव बनाना बता रहे हैं....
सामग्री
(4 लोगों के लिए)
- साबूदाना ¾ कप
- आलू 2 छोटे/ 1 मध्यम
- मूँगफली ¼ कप
- हरी मिर्च 2-4
- सेंधा नमक 1 छोटा चम्मच/ स्वादानुसार
- घी/ तेल 1½ बड़ा चम्मच
- नीबू का रस 1 बड़ा चम्मच
- कटा हरा धनिया 1 बड़ा चम्मच
- पानी 1¼ कप
बनाने की विधि :
- साबूदाने को बीनकर धो लें अब इसे लगभग सवा कप पानी में 2-3 घंटे के लिए भिगो दें.
- 2-3 घंटे के बाद साबूदाना पानी सोख कर मुलायम हो जाता है. अगर साबूदाना कड़ा लगता है तो थोड़ा और पानी डालकर कुछ और देर के लिए इसे भिगो दें.
भीगा साबूदाना
- हरी मिर्च का डंठल हटा कर और उसे अच्छे से धो कर महीन-महीन काट लें.
- आलू को छीलकर, धो लें , और फिर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें.
- अब एक नॉन-स्टिक कड़ाही में घी/ तेल गरम करिए. अब मूँगफली डालिए और भूनिए. मूँगफली को पूरी तरह से भूनने में 4-6 मिनट का समय लगता है. मूँगफली भुन जाने पर सौंधी सी खुश्बू आती है.
- अब इसमें कटी हरी मिर्च डालें और कुछ सेकेंड्स के लिए भूनें. अब डालिए कटे आलू. आलू को भी एक मिनट के लिए भूनिए.
- अब इसमें नमक डालें और सभी सामग्री को अच्छे से मिलाएँ. आँच को धीमा करके ढक्कन लगाकर आलू को गलाएँ. इसमें तकरीबन 5 मिनट का समय लगता है.
- अब इसमें भीगा साबूदाना डालें और अच्छे से मिलाएँ. साबूदाने को 2 मिनट तक अच्छे से भूनें.
- अब ढक्कन लगा कर साबूदाने को गलने दीजिए. इस प्रक्रिया में 2-4 मिनट का समय लगता है.
- साबूदाना गलने के बाद पारदर्शी सा दिखता है. अगर साबूदाना नही गला है तो कुछ और देर ढककर पकाएँ. फिर आँच को बंद कर दीजिए.
कुछ नुस्खे / सुझाव
अगर आप चाहें तो बिना व्रत के भी साबूदाने का पुलाव बना सकते है. ऐसी सूरत में आप इसमें और भी सब्जियाँ जैसे कि. हरी मटर, गाजर, फली इत्यादि भी डाल सकते हैं...
अगर आप तीखा खाने के शौकीन हैं तो हरी मिर्च की मात्रा बढ़ा लीजिए.
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