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थाई व्यंजन

आजकल अंतरराष्ट्रीय भोजन भारत में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. मुगलई, इतालवी, चाइनीज़, इत्यादि व्यंजन तो बहुत पहले से ही भारत में प्रसिद्ध है लेकिन आजकल थाई व्यंजन भी आसानी से सभी बड़े छोटे शहरों में मिल जाता है. थाई भोजन, चाइनीज़, और भारतीय दोनों ही देशों के भोजन से काफ़ी मिलता है. ऐसा मैं इसलिए कह रही हूँ क्योंकि, थाई भोजन में भी तरह-तरह की करी बहुत प्रसिद्ध है और करी को ज़्यादातर चावल के साथ परोसा जाता है भारतीय भोजन की तरह. और थाई भोजन में चाइनीज़ भोजन की तरह कई प्रकार के स्टिर फ्राइ होते हैं चाइनीज़ भोजन की तरह. इसमें चावल के बने नूडल्स का भी अपना एक अलग स्थान है.

mthai red curry with rice and salad

थाई भोजन में कई प्रकार के शाकाहारी व्यंजन होते है. वैसे बाजार में मिलने वाली कई पहले से तैयार थाई सौस में अक्सर फिश सौस या फिर प्रॉन(झींगा)सौस होती है, तो अगर आप कोई रेडीमेड सौस खरीद रहे है तो यह ज़रूरी है की आप उसकी सामग्री लिस्ट अच्छे पढ़ लें.

थाई व्यंजन बहुत स्वादिष्ट होते हैं और अच्छी बात यह है की यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य लिहाज से भी बड़े अच्छे रहते है. थाई भोजन आमतौर पर तीखे होते है शायद यही वजह है भारत में यह बहुत प्रचलित हो गये हैं. थाई खाने में सब्जियों को बहुत कम और तेज आँच पर भूना जाता है. इसे ही हम अँग्रेज़ी में स्टिर फ्राइ कहते हैं. तो थाई खाना बनाने से पहले कुछ और बाते जो जाननी ज़रूरी हैं-

  1. आप जो भी व्यंजन बनाने जा रहे हैं उसमें इस्तेमाल में आने वाली सभी सब्जियों को आप पहले से काट कर रखें. इसके साथ की बाकी सभी सामग्री भी नाप तौल कर पहले से ही तैयार रखें.
  2. स्टिर फ्राइयिंग में सबसे पहले तेज महक वाली सब्जी जैसे प्याज और लहसुन को पहले भूनते हैं, उसके बाद कड़ी सब्जियों , जैसे की गाजर, ब्रुकोली को भूनते है और उसके बाद शिमला मिर्च , स्नो पीस और अंत में पत्ते वाली सब्जियों को भूनते हैं.
  3. क्योंकि सारा काम तेज आँच में होता है इसीलिए ज़रूरी है की आप सब्जियों को बराबर चलाते रहें, और सब्जियाँ जलने न पाएँ.

वैसे तो थाई खाने में प्रयोग होने वाली अधिकतर सामग्री भारतीय किचन में आसानी से मिल जाती है लेकिन फिर भी कुछ प्रमुख थाई सामग्री जो कि भारतीय रसोई में नही होती हैं उनको मैं ज़रूरत के हिसाब से बताती रहूगीं.

लेमन ग्रास- लेमन ग्रास एक सदाबहार हर्ब है. इसकी खुश्बू बहुर अच्छी होती है और यह थाई रसोई के साथ-साथ कुछ और एशियन व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जाता है. अब क्योंकि आजकल थाई भोजन दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है तो सभी थाई सामग्री लोकल सुपर मार्केट में आसानी से मिल जाती है.

homegrown lemongrass

Thai Basil– is a perennial herb used in Thai cuisine. Thai basil is closer to Tulsi/Indian basil in looks and apperance but it is different in taste. You can also grow Thai basil in the kitchen garden

homegrown thai basil

अंकुरित सोया- अंकुरित सोया सोयाबीन से बनाया जाता है. अंकुरित सोया के अंकुर भारत में बहुत ज़्यादा खाए जाने वाले अंकुरित मूँग से थोड़ा ज़्यादा लंबे होते हैं और यह प्रोटीन का बहुत अच्छा सोत्र हैं.

बॅमबू शूट्स -बॅमबू शूट्स जैसा कि नाम से ही जाहिर हैः बाँस के पहले-पहल निकलने वाले अंकुर हैं. बाँस की कुछ प्रजातियाँ जो कि खाने योग्य होती है उनके अंकुर ही बॅमबू शूट्स कहलाते हैं. आमतौर पर भारत में भी और पश्चिम में भी मैने डब्बा बंद ही बॅमबू शूट्स देखे हैं, चाइनीज खाना बनाने के लिए यह अहम सामग्री है.

एक और चीज़ जिसका थाई भोजन में इस्तेमाल बहुतायत में होता है वो है नारियल का दूध (coconut milk). लेकिन अब क्योंकि इसका प्रयोग दक्षिण भारतीय व्यंजनों में भी होता है तो आप सभी इससे पहले से ही परिचित होंगे. तो चलिए अब जब सब तैयारी पूरी हो गयी है तो बनाते हैं कुछ थाई व्यंजन. हमेशा की तरह आप अपनी राय लिखना ना भूलिएगा.....