सूखी सब्जियों की बहार

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जैसा कि नाम से ही पता लग रहा है, सूखी सब्जियाँ बिना करी/ झोल के बनायी जाती हैं. सूखी सब्जियों को दाल चावल के साथ या फिर रोटी / पराठा के साथ सर्व करते हैं. सूखी सब्जियाँ बहुत तरह की होती हैं, कुछ जो बिल्कुल हल्की-फुल्की हरी शाक सब्जी होती हैं, कुछ और जो आलू के साथ बनती हैं, जैसे कि सेम मटर आलू, गोभी आलू, मेथी आलू, बैगन आलू इत्यादि..., कुछ और जो भर के बनाईं जाती हैं , जैसे कि भरवाँ भिंडी, भरवाँ करेले, भरवाँ टमाटर, भरवाँ शिमला मिर्च, वग़ैरह- वग़ैरह.

सूखी सब्जियों को आम तौर पर अलग-अलग मसालों के साथ बनाया जाता है. सूखी सब्ज़यों को ज़्यादातर तेल में बनाते हैं और उनमे पानी बहुत कम डाला जाता है. पानी ना डालने से सब्जियाँ देर तक चलती हैं और गर्मियों में जल्दी खराब नही होती हैं.

सूखी सब्जियाँ आमतौर पर अलग-अलग मसालों के साथ बनाईं जाती हैं. कुछ सब्जियाँ जिनकी तासीर थोड़ी भारी होती है, जैसे कि -अरबी हमेशा अजवाइन में छौंकी जाती है, कद्दू को मेथी दाना में और , सेम को जीरे में, और आलू तो हर प्रांत में अलग- अलग तरह से बनाए जाते हैं. राई, हींग, तिल, कालोंजी, कुछ और साबुत मसाले, इत्यादि का प्रयोग भी सूखी सब्जियों के छौंकने में किया जाता है.कुछ सब्जियों को रेस्टोरेंट स्टाइल बनाने के लिए उसमें मावा/ खोया, या फिर क्रीम भी डाली जाती है.

हरी सब्जियाँ - जहाँ बहुत सारे लोग ताजी हरी सब्जियों को खरीदने के लिए एक लंबी यात्रा तय करते हैं वहीं कुछ लोग इसके नाम से भी चिढ़ते हैं. हरी सब्जियो में कई प्रकर के विटामिन्स, खनिज, और रेशे प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इन सब्जियों को खाने से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है.

अगर आपको बागवानी का शौक है और आपके पास थोड़ा ऐसा स्थान है जहाँ पर लगभग 6 घंटे धूप आती है तो आप बहुत सारी सब्जियों को घर पर उगा सकते हैं. कुछ सब्जियों को उगाना बहुत आसान होता है और इनकी ज़्यादा देखभाल भी नही करनी होती है.

हरी सब्जियों से आप कई प्रकार के सलाद, करी, सूखी सब्जी, रोटी-पराठे, दाल के साथ, सूप, सलाद और यहाँ तक की मिठाई भी बना सकते हैं. हमने पहले भी बहुत सारी हरी सब्जियों के बारे में लिखा है जैसे करेला, भिंडी, मेथी, कुंडरू, सरसों का साग, इत्यादि...तो चलिए बनाएँ कुछ और हरी सब्जियाँ .......